Sunday, May 24, 2009

बावरे नैना भरे रहे रात भर

This lilting song punctuates key points in the TV serial चोटी बहू - the younger daughter-in-law - that I have enjoyed watching. This song captures the turmoil in the lovers' minds as they go through various difficulties in finding each other.




बावरे नैना भरे रहे रात भर
बावरे नैना भरे रहे रात भर
सोये जागे, जागे सोये, जाने किस बात पर
मन खुशी भी है, बेचैन भी
उलझन कैसी दिन रैन की
अब तू ही आके बोल कान्हा, कांटे सारी खोल
तू जो कह दे चल जाऊं इस आग पर चल जाऊं इस आग पर
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
मन चाहे पंख लगा कर, सारी खुशियाँ यह पाकर कहीं उड़ जाऊं
इन मुस्कानों पे मेरा अधिकार है क्या यह सोचूँ मैं डर जाऊं
हस्ते कदमोंसे जो बड जाऊं कहीं राहों में न खो जाऊं
अब तू ही आके बोल कान्हा, कांटे सारी खोल
तू जो कह दे चल जाऊं इस आग पर चल जाऊं इस आग पर
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
कागज़ के ... निकले सारे ... पल चाहत के
कागज़ के निकले सारे उड़ गए सब जाने कहाँ रे पल चाहत के
ऐसे बदला यह मंज़र कुछ टूट गया मेरे अन्दर बिन आहत के
एहसास जगाये उन्हें जिस दिल में फिर तोडा वही दिल कैसे तू ने
अब तू ही आके बोल कान्हा, कांटे सारी खोल
तू जो कह दे चल जाऊं इस आग पर चल जाऊं इस आग पर
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
जो टूट गए हैं सपने जाने क्यों बन कर अपने लौट आते हैं
नहीं मंजिल जिन रास्तों पर क्यों उनपे कदम रुक रुक कर बढ जाते हैं
वह तेरा नहीं सुन मन पगले क्यों माने न तू क्यों न संभले
अब तू ही आके बोल कान्हा, कांटे सारी खोल
तू जो कह दे चल जाऊं इस आग पर इस आग पर
... ♫ ♫ ♫ ♫ ...
बावरे नैना भरे रहे रात भर ... oh
बावरे नैना भरे रहे रात भर
सोये जागे, जागे सोये, जाने किस बात पर
मन खुशी भी है, बेचैन भी
उलझन कैसी दिन रैन की
अब तू ही आके बोल कान्हा, कांटे सारी खोल
तू जो कह दे चल जाऊं इस आग पर चल जाऊं इस आग पर

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