Saturday, October 02, 2010

बनाके क्यों बिगाड़ा रे

A woman who has suffered an ill-fated incident in her life questions whether she can trust God. Why? Because of the injustice meted out to her (by God, she thinks).





बनाके क्यों बिगाड़ा रे, बनाके क्यों बिगाड़ा रे
बिगाड़ा रे नसीबा, ऊपरवाले, ऊपरवाले
बनाके क्यों बिगाड़ा रे, बिगाड़ा रे नसीबा,
ऊपरवाले, ऊपरवाले

जो तुझको मंज़ूर नहीं था, फूल खिले इस प्यार के
फिर क्यों तूने इन आँखों को, रंग दिखाए बहार के
आस(?) बढ़ा के, प्यार जगा के, बिगाड़ा रे नसीबा
ऊपरवाले, ऊपरवाले

पाप करे इनसान अगर तो, वह पापी कहलाता है
तू ने भी यह पाप किया फिर, कैसे कहूं तू दाता है?
राह दिखा के, राह पे लाके, बिगाड़ा रे नसीबा
ऊपरवाले, ऊपरवाले
बनाके क्यों बिगाड़ा रे, बिगाड़ा रे नसीबा,
ऊपरवाले, ऊपरवाले

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